जन्म कुंडली में अंगारक दोष के लक्षण और समाधान जानना जरूरी है अगर आपको बार-बार गुस्सा आता है, जीवन में अशांति बनी रहती है, या करियर में लगातार रुकावटें आ रही हैं।
इस दोष का असर सिर्फ स्वभाव पर ही नहीं, बल्कि रिश्तों, आर्थिक स्थिति और सेहत पर भी पड़ता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सही ज्योतिषीय उपायों से इसे कम किया जा सकता है।
इस लेख में हम सरल शब्दों में समझेंगे कि अंगारक दोष क्या है, इसके लक्षण कैसे पहचानें और इसे दूर करने के लिए कौन-कौन से प्रभावी उपाय किए जा सकते हैं।
जन्म कुंडली में अंगारक दोष के लक्षण और समाधान (Symptoms and Remedies of Angarak Dosha in Kundali)
अंगारक दोष (Angarak Dosha) एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जो तब बनता है जब मंगल (Mars) और राहु (Rahu) या मंगल और केतु (Ketu) एक साथ स्थित होते हैं। यह दोष व्यक्ति के स्वभाव, करियर, आर्थिक स्थिति, रिश्तों और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस और क्रोध का प्रतीक है, जबकि राहु भ्रम, छल-कपट और अनिश्चितता दर्शाता है। जब ये दोनों ग्रह मिलते हैं, तो व्यक्ति में गुस्सा, जिद, अस्थिरता और तनाव बढ़ सकता है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि अंगारक दोष क्या है, इसके लक्षण, प्रभाव और इसे दूर करने के ज्योतिषीय उपाय कौन से हैं।
अंगारक दोष क्या होता है?

जब किसी जातक की कुंडली में मंगल और राहु या मंगल और केतु एक ही भाव में स्थित होते हैं, तो अंगारक दोष बनता है।
यह दोष व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन को प्रभावित करता है, जिससे जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
किन भावों में बनने पर अंगारक दोष अधिक प्रभावी होता है?

- प्रथम भाव (लग्न) – व्यक्ति का स्वभाव क्रोधी और जिद्दी हो सकता है
- चतुर्थ भाव – माता से संबंधों में तनाव आ सकता है, घर में अशांति हो सकती है
- सप्तम भाव – वैवाहिक जीवन में झगड़े और तलाक की संभावनाएं बढ़ सकती हैं
- अष्टम भाव – दुर्घटनाएं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं
- दशम भाव – करियर में अस्थिरता, कानूनी विवाद और कार्यक्षेत्र में बाधाएं आ सकती हैं
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अंगारक दोष के लक्षण

1. स्वभाव में उग्रता और चिड़चिड़ापन
मंगल और राहु दोनों ही उग्र ग्रह माने जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में अंगारक दोष हो, तो वह बहुत जल्दी गुस्सा करता है और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ सकता है।
2. निर्णय लेने में कठिनाई
यह दोष जातक को गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति देता है। वह बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में फैसले करता है, जिससे उसे भविष्य में पछताना पड़ सकता है।
3. करियर और व्यापार में बाधाएं
अगर दशम भाव में अंगारक दोष हो, तो व्यक्ति को करियर में संघर्ष और अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। वह नौकरी में बार-बार बदलाव करता है या व्यापार में नुकसान झेलता है।
4. कानूनी विवाद और शत्रु बढ़ना
इस दोष से प्रभावित जातक को कानूनी मामलों में उलझने की संभावना अधिक होती है। कोर्ट-कचहरी के विवाद और शत्रुओं की संख्या बढ़ सकती है।
5. वैवाहिक जीवन में समस्याएं
अगर सप्तम भाव में अंगारक दोष हो, तो पति-पत्नी के बीच झगड़े, अविश्वास और तलाक की नौबत आ सकती है।
6. रक्त संबंधी रोग और स्वास्थ्य समस्याएं
- रक्तचाप (High Blood Pressure)
- सिरदर्द और माइग्रेन
- चोट और दुर्घटनाएं
- त्वचा संबंधी रोग और जलन की समस्या
अंगारक दोष के नकारात्मक प्रभाव
1. पारिवारिक अशांति
इस दोष के कारण घर में बार-बार झगड़े और कलह होते रहते हैं। व्यक्ति का माता-पिता या भाई-बहनों से मतभेद हो सकता है।
2. वित्तीय अस्थिरता
अगर अंगारक दोष दूसरे, छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
3. मानसिक तनाव और चिंता
राहु भ्रम और छल-कपट का प्रतीक है, जबकि मंगल उग्रता का। इन दोनों की युति से व्यक्ति को अनावश्यक तनाव, चिंता और भय का सामना करना पड़ सकता है।
अंगारक दोष के ज्योतिषीय उपाय

अगर कुंडली में अंगारक दोष है, तो इसे कम करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
1. मंत्र जाप करें
- मंगल मंत्र – “ॐ भौमाय नमः” (108 बार)
- राहु मंत्र – “ॐ रां राहवे नमः” (108 बार)
- हनुमान चालीसा का पाठ – प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ने से मंगल और राहु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है
2. दान और पूजा करें
- मंगलवार को मसूर की दाल, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे का दान करें
- शनिवार को राहु को शांत करने के लिए नीले वस्त्र, काले तिल और सरसों के तेल का दान करें
- हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाएं
3. व्रत और उपवास रखें
- मंगलवार का व्रत रखें और हनुमान जी की पूजा करें
- शनिवार को राहु के प्रभाव को कम करने के लिए व्रत करें
4. विशेष यंत्र और रत्न धारण करें
- मंगल यंत्र को घर में स्थापित करें
- राहु यंत्र को पूजाघर में रखें
- लाल मूंगा (Red Coral) या गोमेद (Hessonite) रत्न धारण करें, लेकिन इसे किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह के बाद ही पहनें
5. हवन और अनुष्ठान करवाएं
- मंगल शांति हवन कराएं
- राहु ग्रह शांति पूजा करवाएं
- मंगल अंगारक दोष निवारण यज्ञ कराना विशेष लाभदायक होता है
निष्कर्ष
अंगारक दोष व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र पर असर डाल सकता है। लेकिन सही उपाय, पूजा-पाठ और संयमित जीवनशैली अपनाने से इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
अगर आपको अपने करियर, स्वास्थ्य या पारिवारिक जीवन में लगातार समस्याएं आ रही हैं, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर कुंडली का विश्लेषण करवाएं और उचित उपाय अपनाएं।
सही ज्योतिषीय उपाय अपनाने से न केवल इस दोष के बुरे प्रभाव कम होंगे, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी बनी रहेगी।
FAQs
अंगारक दोष क्या होता है?
अंगारक दोष तब बनता है जब मंगल और राहु या मंगल और केतु एक ही भाव में स्थित होते हैं। यह दोष व्यक्ति के स्वभाव, करियर, रिश्तों और मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है। गुस्सा, चिड़चिड़ापन और गलत फैसले लेने की प्रवृत्ति इसके मुख्य लक्षण हैं।
अंगारक दोष के कारण जीवन में क्या समस्याएं आ सकती हैं?
अंगारक दोष से व्यक्ति को क्रोध, मानसिक अस्थिरता, करियर में उतार-चढ़ाव, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, वैवाहिक जीवन में विवाद और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं।
अंगारक दोष का सबसे बड़ा संकेत क्या है?
अगर व्यक्ति को बिना किसी कारण गुस्सा आता है, जल्दी निर्णय लेने की आदत है और बार-बार जीवन में संघर्ष झेलना पड़ता है, तो यह अंगारक दोष का संकेत हो सकता है। इस दोष से प्रभावित लोग जिद्दी और असहिष्णु भी हो सकते हैं।
अंगारक दोष किन भावों में होने पर ज्यादा प्रभाव डालता है?
अंगारक दोष प्रथम (स्वभाव), चतुर्थ (घर-परिवार), सप्तम (विवाह), अष्टम (दुर्घटनाएं) और दशम (करियर) भाव में अधिक प्रभावी होता है। इन भावों में यह दोष होने से जीवन में अस्थिरता, कलह और असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंगारक दोष के लिए कौन से उपाय करने चाहिए?
हनुमान चालीसा का पाठ करें, मंगल मंत्र (ॐ भौमाय नमः) और राहु मंत्र (ॐ रां राहवे नमः) का जाप करें। मंगलवार को लाल वस्त्र और मसूर दाल का दान करें। हनुमान जी की पूजा और मंगल यंत्र को धारण करना भी शुभ माना जाता है।
क्या अंगारक दोष से बचने के लिए व्रत रखना फायदेमंद है?
हाँ, मंगलवार और शनिवार का व्रत रखने से इस दोष का प्रभाव कम हो सकता है। व्रत के दौरान हनुमान जी की पूजा करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। इससे ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा शांत होती है।
क्या अंगारक दोष से करियर पर असर पड़ता है?
जी हाँ, अगर अंगारक दोष दशम भाव में हो, तो करियर में अस्थिरता, संघर्ष और बार-बार नौकरी बदलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस दोष के निवारण के लिए मंगल और राहु के उपाय करना जरूरी होता है।
अंगारक दोष का असर वैवाहिक जीवन पर कैसे पड़ता है?
अगर यह दोष सप्तम भाव में हो, तो पति-पत्नी के बीच झगड़े, गलतफहमियां और यहां तक कि तलाक की नौबत आ सकती है। हनुमान जी की पूजा, मंगल शांति पाठ और संयमित जीवनशैली से इस दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है।
क्या अंगारक दोष का प्रभाव पूरी जिंदगी रहता है?
अगर सही उपाय किए जाएं तो अंगारक दोष का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है। नियमित पूजा-पाठ, सही मंत्रों का जाप और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने से इस दोष से उत्पन्न समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।
क्या अंगारक दोष से बचने के लिए कोई विशेष रत्न पहनना चाहिए?
लाल मूंगा (Red Coral) मंगल के लिए और गोमेद (Hessonite) राहु के लिए उपयोगी होते हैं। लेकिन इन्हें पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है, क्योंकि गलत रत्न पहनने से स्थिति बिगड़ भी सकती है।

आचार्य नरेंद्र मोहन को ज्योतिष के क्षेत्र में 18+ वर्षों का अनुभव है। वे परंपरागत ज्योतिषीय ज्ञान को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ते हैं। उनकी विशेषज्ञता रिश्तों की अनुकूलता, करियर मार्गदर्शन, और जीवन की समस्याओं के समाधान में है। आचार्य नरेंद्र ने अपनी सटीक भविष्यवाणियों और व्यावहारिक सलाह से सैकड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उनके गहन ज्ञान और समर्पण ने उन्हें एक विश्वसनीय और अनुभवी ज्योतिषाचार्य बनाया है।