पति पत्नी में कलेश दूर करने के क्या उपाय हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में आता है जो अपने वैवाहिक जीवन में शांति और प्यार चाहता है।
जब पति-पत्नी के बीच बार-बार झगड़े, गलतफहमियां या मनमुटाव होने लगते हैं, तो घर का माहौल बोझिल हो जाता है और रिश्तों की मिठास कम होने लगती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ आसान ज्योतिषीय और व्यवहारिक उपाय अपनाकर इस कलेश को दूर किया जा सकता है?
अगर आप भी अपने रिश्ते में फिर से प्रेम, सामंजस्य और खुशहाली लाना चाहते हैं, तो आगे बताए गए ये उपाय आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं।
नीचे हम विस्तार से जानेंगे कि पति-पत्नी के बीच झगड़े कैसे कम करें और कैसे अपने घर में स्थायी सुख-शांति वापस लाएं।
पति पत्नी में कलेश दूर करने के क्या उपाय हैं? (Remedies to Remove Conflicts Between Husband and Wife)

जब पति-पत्नी के बीच बार-बार झगड़े या मनमुटाव होने लगते हैं, तो घर की शांति भंग हो जाती है और रिश्ते में दूरी बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में केवल बातों से नहीं, बल्कि समझदारी और सही उपायों से रिश्तों में फिर से मधुरता लाई जा सकती है।
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो दांपत्य जीवन में चल रहे कलह को कम करने में मदद करते हैं। इनमें भगवान शिव-पार्वती की पूजा, ग्रह दोषों का निवारण, और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के आसान तरीके शामिल हैं।
आगे हम विस्तार से जानेंगे कि किन उपायों से पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और सामंजस्य फिर से स्थापित किया जा सकता है।
दांपत्य जीवन में कलह के प्रमुख कारण

हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन जब झगड़े रोजमर्रा का हिस्सा बन जाएं, तो यह गंभीर समस्या का संकेत होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी के बीच कलह का एक कारण ग्रहों की स्थिति भी होती है।
सप्तम भाव, जो विवाह और साझेदारी का भाव है, जब अशुभ ग्रहों से प्रभावित होता है तो दाम्पत्य जीवन में तनाव आने लगता है। आइए जानते हैं इसके कुछ मुख्य कारण –
- पति या पत्नी की कुंडली के सप्तम भाव में शनि का होना या उसका गोचर।
- राहु, केतु या सूर्य का सप्तम या अष्टम भाव पर प्रभाव पड़ना।
- शनि की साढ़ेसाती या दशा का चलना, जिससे मानसिक दूरी और मतभेद बढ़ते हैं।
- शुक्र और गुरु की विपरीत दशा, जो वैवाहिक संबंधों में अस्थिरता लाती है।
- कुंडली मिलान में असंतुलन, जिससे स्वभाव और ग्रह योग मेल नहीं खाते।
उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु सप्तम भाव में स्थित है, तो वह व्यक्ति रिश्तों में बार-बार अविश्वास या भ्रम का सामना कर सकता है। इस स्थिति में उचित उपाय करना बेहद जरूरी हो जाता है।
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ग्रहों से उत्पन्न दाम्पत्य तनाव के उपाय

जब ग्रह दोषों के कारण दाम्पत्य जीवन में असंतुलन आता है, तो ज्योतिष में बताए कुछ सरल उपाय स्थिति को सुधार सकते हैं। इन उपायों से न केवल ग्रहों का प्रभाव कम होता है, बल्कि घर का माहौल भी शांतिपूर्ण बनता है।
1. शिव-पार्वती की पूजा करें
सोमवार के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की आराधना करें। श्रद्धा से “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ पार्वत्यै पतये नमः” मंत्र का जाप करने से वैवाहिक संबंधों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
उदाहरण के तौर पर, कई लोग सोमवार व्रत रखकर और दुग्धाभिषेक कर अपने रिश्तों में मधुरता महसूस करते हैं।
2. लक्ष्मी-नारायण की आराधना करें
शुक्रवार को शुद्ध घी का दीपक जलाकर “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और दांपत्य संबंधों में स्थिरता बढ़ती है।
3. सूर्य नमस्कार और गायत्री मंत्र
रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाकर गायत्री मंत्र का जाप करें। यह उपाय मानसिक शांति देता है और क्रोध को नियंत्रित करता है, जिससे अनावश्यक झगड़े कम होते हैं।
4. हनुमान जी की उपासना करें:
मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। यह उपाय विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब घर में नकारात्मक ऊर्जा या तनाव लगातार बना रहता है।
5. रत्न और यंत्र धारण करें
यदि कुंडली में ग्रह दोष की पुष्टि हो, तो योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर नीलम, मूंगा या हीरा जैसे रत्न धारण किए जा सकते हैं। इससे ग्रहों का प्रभाव संतुलित होता है।
गृह कलह दूर करने के सामान्य ज्योतिष उपाय (Remedies to Resolve Marital Conflicts)
गृह क्लेश केवल ग्रहों की वजह से नहीं होता, बल्कि जीवनशैली और सोच का भी इस पर असर पड़ता है। कुछ सरल उपायों से घर में सकारात्मकता और सौहार्द लाया जा सकता है।
- रोज सुबह और शाम दीपक जलाएं, विशेषकर उत्तर-पूर्व दिशा में। यह शुभ ऊर्जा को बढ़ाता है।
- घर में तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन जल अर्पित करें। तुलसी घर के वातावरण को शुद्ध रखती है।
- शनिवार को जरूरतमंदों को काला तिल, उड़द या तेल दान करें। इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- मुख्य द्वार पर स्वस्तिक या ओम का चिन्ह बनाएं, इससे घर में सकारात्मक शक्ति प्रवेश करती है।
- रसोई और पूजा स्थान को हमेशा स्वच्छ रखें, क्योंकि गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के व्यवहारिक उपाय
सिर्फ ज्योतिषीय उपायों से नहीं, बल्कि व्यवहारिक सुधारों से भी घर में शांति लाई जा सकती है। ये उपाय हर परिवार में उपयोगी होते हैं।
1. संवाद बनाए रखें
परिवार के सदस्यों के बीच खुली बातचीत समस्याओं को हल करने का सबसे सरल तरीका है। गलतफहमियों को पनपने से पहले ही रोक लें।
2. धैर्य और सम्मान रखें
एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और आदर देना रिश्तों की मजबूती की कुंजी है।
3. आर्थिक मामलों में पारदर्शिता रखें
पैसों को लेकर छिपाव या गलतफहमी झगड़ों का कारण बनती है।
4. साझा निर्णय लें
परिवार के निर्णयों में सभी की राय शामिल करने से सबको सम्मान का अनुभव होता है।
5. सकारात्मक सोच अपनाएं
घर में तुलना, शिकायत या कटाक्ष से बचें। इसके बजाय सराहना और प्रेमपूर्ण व्यवहार से वातावरण हल्का बनाएं।
विवाह से पहले कुंडली मिलान का महत्व
ज्योतिष के अनुसार विवाह से पहले केवल गुण मिलान ही नहीं, बल्कि ग्रह दोषों का भी विश्लेषण करना जरूरी है। उदाहरण के लिए, अगर किसी की कुंडली में मंगल दोष हो और उसका समय पर निवारण न किया जाए, तो वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है। इसलिए विवाह से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेकर समाधान करना चाहिए ताकि भविष्य में कलह की संभावना कम रहे।
मानसिक और आध्यात्मिक शांति के उपाय
आधुनिक जीवन की भागदौड़ में मानसिक शांति बनाए रखना कठिन होता जा रहा है। योग, ध्यान और भजन-कीर्तन जैसे उपाय मन को स्थिर रखते हैं।
पति-पत्नी रोज सुबह या शाम कुछ मिनट ध्यान और प्राणायाम करें। परिवार के साथ भोजन करना और एक-दूसरे के साथ समय बिताना भी रिश्तों को मजबूत करता है। जब मन शांत होता है, तो विवाद खुद-ब-खुद समाप्त हो जाते हैं।
निष्कर्ष
गृह कलह और दांपत्य जीवन में शांति बनाए रखने के लिए ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ व्यवहारिक समझ, संवाद और प्रेम भी उतना ही जरूरी है।
ग्रहों का प्रभाव जीवन में पड़ता जरूर है, लेकिन हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण और संयम उसे संतुलित कर सकता है।
जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के प्रति सम्मान, करुणा और क्षमा का भाव रखते हैं, तो कोई भी कलह लंबे समय तक नहीं टिक सकता।
सुखी परिवार वही होता है जहां प्रेम, आपसी विश्वास और मानसिक संतुलन बना रहता है। इसलिए याद रखें — ग्रह दोष दूर किए जा सकते हैं, लेकिन रिश्तों की मजबूती हमारी सोच और व्यवहार पर निर्भर करती है।
यही गृह कलह को समाप्त करने और घर में स्थायी सुख-शांति लाने का सबसे सच्चा उपाय है।
FAQs
पति पत्नी में हमेशा झगड़ा हो तो क्या करना चाहिए?
अगर पति-पत्नी में लगातार झगड़े हो रहे हैं, तो सबसे पहले आपसी बातचीत शुरू करें और एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें। रोजमर्रा की छोटी बातों पर बहस करने से बचें और गुस्से में कोई निर्णय न लें। ज्योतिष उपायों में सोमवार के दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करना, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना और सफेद फूल अर्पित करना बहुत प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, साथ में पूजा या ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है और रिश्ते में प्रेम बढ़ता है।
घर में बहुत क्लेश हो तो क्या करें?
अगर घर में बार-बार झगड़े और नकारात्मकता बनी रहती है, तो रोज सुबह और शाम दीपक जलाना, तुलसी के पौधे को जल चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है। घर में पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा को स्वच्छ और प्रकाशमान रखें, क्योंकि यही दिशा सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार, शुक्रवार को लक्ष्मी-नारायण की पूजा और शनि दोष निवारण के लिए शनिवार को तेल या तिल का दान करने से घर की नकारात्मकता खत्म होती है और पारिवारिक वातावरण शांत रहता है।
किस ग्रह के कारण पति-पत्नी में झगड़ा होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पति-पत्नी के बीच झगड़े का प्रमुख कारण सप्तम भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव होता है। अगर सप्तम भाव में शनि, राहु, केतु या सूर्य का दोष हो, तो दांपत्य जीवन में मनमुटाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, शनि की साढ़ेसाती, मंगल दोष, या गुरु-शुक्र की विपरीत दशा भी कलह का कारण बनती है। ऐसे में कुंडली के अनुसार ग्रह शांति करवाना, उचित रत्न धारण करना और शिव-पार्वती की पूजा करना शुभ रहता है।

विजय वर्मा वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) और रत्न विज्ञान (Gemstone Science) में 20+ वर्षों का अनुभव रखते हैं। उन्होंने 10,000 से अधिक कुंडलियों (Horoscopes) का विश्लेषण किया है और व्यक्तिगत व पेशेवर उन्नति के लिए सटीक मार्गदर्शन प्रदान किया है। उनका अनुभव उन्हें एक भरोसेमंद ज्योतिष विशेषज्ञ बनाता है।