कुंडली में गुरु चांडाल दोष को दूर करने के लिए क्या उपाय हैं? अगर आपकी कुंडली में गुरु चांडाल (Guru Chandal) दोष है और आप इससे हो रही परेशानियों से बचना चाहते हैं, तो सही उपाय अपनाकर इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
यह दोष जीवन में शिक्षा, करियर, धन और रिश्तों पर असर डाल सकता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह दोष कैसे बनता है, इसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है, और इसे दूर करने के लिए कौन-कौन से आसान और असरदार ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
पढ़ें और जानें कि सही पूजा-पाठ और छोटे-छोटे बदलावों से आप इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
कुंडली में गुरु चांडाल दोष को दूर करने के लिए क्या उपाय हैं? (Remedies to Remove Guru Chandal Dosha in Kundali)
ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Yog Effect) को एक महत्वपूर्ण दोष माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह दोष तब बनता है जब देवगुरु बृहस्पति राहु या केतु के साथ युति बनाते हैं।

गुरु ग्रह को ज्ञान, शिक्षा, सद्गुण और नैतिकता का प्रतीक माना जाता है, जबकि राहु और केतु को भ्रम, मायाजाल और छल का प्रतिनिधि कहा जाता है। जब ये ग्रह एक साथ आते हैं, तो व्यक्ति के विचारों और निर्णयों में अस्थिरता आ सकती है।
अगर आपकी कुंडली में यह दोष मौजूद है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सही उपाय अपनाकर इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि गुरु चांडाल दोष कैसे बनता है, इसका जीवन पर क्या असर पड़ता है, और इसे दूर करने के लिए कौन-कौन से ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं।
गुरु चांडाल दोष क्या होता है?

जब गुरु ग्रह (बृहस्पति) राहु या केतु के साथ एक ही भाव में स्थित होता है, तो इसे गुरु चांडाल दोष कहा जाता है। इस योग के कारण बृहस्पति के शुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और व्यक्ति के निर्णय, सोचने की क्षमता, करियर और संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
गुरु चांडाल दोष बनने के प्रमुख कारण:
- जन्म कुंडली में गुरु और राहु/केतु की युति (संयोग) होना।
- गुरु पर राहु या केतु की दृष्टि पड़ना।
- गुरु का नीच राशि में होना और राहु-केतु से प्रभावित होना।
- दशा या अंतर्दशा में राहु, केतु और गुरु का संयोग बनना।
गुरु चांडाल दोष के प्रभाव

अगर कुंडली में यह दोष बनता है, तो व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह प्रभाव व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करता है।
1. शिक्षा और करियर पर असर
- पढ़ाई में ध्यान न लगना और शिक्षा में रुकावटें आना।
- बार-बार करियर में अस्थिरता और गलत निर्णय लेना।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता और ज्ञान की कमी।
2. आर्थिक समस्याएं
- धन हानि, गलत निवेश और आर्थिक अस्थिरता।
- उधार और कर्ज में फंसने की प्रवृत्ति।
- व्यापार में हानि और नौकरी में संघर्ष।
3. वैवाहिक और पारिवारिक जीवन में परेशानी
- दांपत्य जीवन में मतभेद और झगड़े बढ़ना।
- पारिवारिक कलह और माता-पिता से संबंधों में कटुता।
- संतान से जुड़े कष्ट और संतान प्राप्ति में बाधा।
4. निर्णय क्षमता और मानसिक स्थिति पर प्रभाव
- सही-गलत में भेद न कर पाना और गलत संगति में पड़ना।
- मानसिक तनाव, बेचैनी और अवसाद की स्थिति।
- धोखा देने और लेने की प्रवृत्ति बढ़ना।
गुरु चांडाल दोष निवारण के प्रभावी उपाय
अगर आपकी कुंडली में यह दोष बन रहा है, तो कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
1. भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा करें
- हर गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- केले के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं और बृहस्पति देवता की उपासना करें।
- विष्णु चालीसा और गुरु चालीसा का पाठ करें।
2. बृहस्पति ग्रह को मजबूत करें
- गुरुवार के दिन पीले कपड़े पहनें और पीले रंग की चीजों का दान करें।
- चने की दाल, गुड़, हल्दी और पीले फूल किसी मंदिर में अर्पित करें।
- बृहस्पति बीज मंत्र “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का नियमित जाप करें।
3. राहु और केतु के दुष्प्रभाव को कम करें
- हर शनिवार काले तिल, काले कपड़े और उड़द दाल का दान करें।
- राहु और केतु के लिए हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- शिवलिंग पर जल और काले तिल अर्पित करें।
4. गुरु चांडाल दोष निवारण यज्ञ करवाएं
- बृहस्पति शांति यज्ञ और राहु-केतु शांति पूजा करवाना लाभकारी होता है।
- इस यज्ञ में विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जिससे दोष के प्रभाव कम किए जा सकते हैं।
5. गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें
- पीली वस्तुएं जैसे चना दाल, गुड़, हल्दी और सोना दान करें।
- गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की मदद करें।
6. नैतिक और धार्मिक आचरण अपनाएं
- झूठ बोलने, धोखा देने और गलत संगति से बचें।
- बड़ों का सम्मान करें और गुरुजनों की सेवा करें।
- सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलें।
गुरु चांडाल दोष के बावजूद सफलता कैसे पाएं?
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु चांडाल दोष बन रहा है, तो इसे नकारात्मक रूप में लेने की जरूरत नहीं है। सही मार्गदर्शन, पूजा-पाठ और कर्म सुधार से इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- अच्छे संस्कार और नैतिकता को अपनाएं।
- गलत संगति से बचें और ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान दें।
- सकारात्मक सोच रखें और मेहनत से अपने लक्ष्य प्राप्त करें।
निष्कर्ष
गुरु चांडाल दोष जीवन में कई तरह की परेशानियां ला सकता है, लेकिन सही उपाय करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। भगवान विष्णु और शिव की पूजा, दान, मंत्र जाप और नैतिक जीवनशैली अपनाने से इस दोष से बचा जा सकता है।
अगर आपकी कुंडली में यह दोष पाया जाता है, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें और उचित उपाय करें। सही कर्म और आध्यात्मिक आचरण से जीवन में सफलता पाई जा सकती है। धैर्य, भक्ति और सत्कर्म ही इस दोष से मुक्ति का सबसे बड़ा उपाय हैं।
FAQs
गुरु चांडाल दोष क्या होता है?
गुरु चांडाल दोष तब बनता है जब देवगुरु बृहस्पति की युति राहु या केतु के साथ होती है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, करियर, धन और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सही उपाय अपनाने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
गुरु चांडाल दोष किन लोगों की कुंडली में बनता है?
यह दोष उन लोगों की कुंडली में बनता है जिनकी जन्मपत्री में गुरु ग्रह राहु या केतु के साथ एक ही भाव में स्थित होता है या उन पर राहु/केतु की दृष्टि पड़ती है।
गुरु चांडाल दोष से क्या नुकसान होता है?
इस दोष के कारण व्यक्ति को करियर में अस्थिरता, शिक्षा में बाधाएं, धन हानि, वैवाहिक जीवन में तनाव और गलत निर्णय लेने की समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में यह धोखाधड़ी और बुरी संगति का कारण भी बन सकता है।
गुरु चांडाल दोष को कैसे ठीक किया जा सकता है?
गुरु चांडाल दोष को ठीक करने के लिए भगवान विष्णु और गुरु ग्रह की पूजा करनी चाहिए, बृहस्पति मंत्रों का जाप करना चाहिए, पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए और अच्छे कर्मों का पालन करना चाहिए।
क्या गुरु चांडाल दोष जीवनभर बना रहता है?
यह दोष ग्रहों की स्थिति और दशाओं के अनुसार समय-समय पर प्रभाव डाल सकता है। कुछ मामलों में यह जीवनभर बना रह सकता है, लेकिन उचित उपायों से इसके नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
क्या गुरु चांडाल दोष से वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है?
हां, इस दोष के कारण पति-पत्नी के बीच मतभेद, विश्वास की कमी और वैवाहिक जीवन में तनाव हो सकता है। संतान प्राप्ति में भी बाधाएं आ सकती हैं।
गुरु चांडाल दोष दूर करने के लिए कौन से मंत्र प्रभावी हैं?
गुरु चांडाल दोष को शांत करने के लिए “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
गुरु चांडाल दोष वाले व्यक्ति को कौन से कार्य नहीं करने चाहिए?
गुरु चांडाल दोष वाले व्यक्ति को झूठ बोलने, धोखाधड़ी, गलत संगति और अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए। इसके अलावा, बृहस्पति से संबंधित चीजों का अनादर नहीं करना चाहिए।
गुरु चांडाल दोष का प्रभाव किस उम्र में सबसे ज्यादा होता है?
यह दोष व्यक्ति की दशा और गोचर के अनुसार प्रभाव डालता है, लेकिन आमतौर पर यह 35 से 50 वर्ष की उम्र में अधिक प्रभावी हो सकता है, जब करियर और परिवारिक जीवन की स्थिरता महत्वपूर्ण होती है।
गुरु चांडाल दोष का संतान पर क्या प्रभाव पड़ता है?
यह दोष संतान प्राप्ति में बाधा डाल सकता है या संतान के स्वास्थ्य और शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। संतान के उज्ज्वल भविष्य के लिए विष्णु भगवान और बृहस्पति ग्रह की पूजा करना फायदेमंद होता है।
गुरु चांडाल दोष और पितृ दोष में क्या अंतर है?
गुरु चांडाल दोष बृहस्पति और राहु/केतु के संयोग से बनता है, जबकि पितृ दोष पूर्वजों से जुड़े कर्मों के कारण उत्पन्न होता है। दोनों के लिए अलग-अलग उपाय होते हैं।
गुरु चांडाल दोष से प्रभावित व्यक्ति को कौन से रत्न नहीं पहनने चाहिए?
गुरु चांडाल दोष होने पर गोमेद (Hessonite) और लहसुनिया (Cat’s Eye) पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि ये राहु और केतु से जुड़े होते हैं और दोष को और बढ़ा सकते हैं।

आचार्य नरेंद्र मोहन को ज्योतिष के क्षेत्र में 18+ वर्षों का अनुभव है। वे परंपरागत ज्योतिषीय ज्ञान को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ते हैं। उनकी विशेषज्ञता रिश्तों की अनुकूलता, करियर मार्गदर्शन, और जीवन की समस्याओं के समाधान में है। आचार्य नरेंद्र ने अपनी सटीक भविष्यवाणियों और व्यावहारिक सलाह से सैकड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उनके गहन ज्ञान और समर्पण ने उन्हें एक विश्वसनीय और अनुभवी ज्योतिषाचार्य बनाया है।