कुंडली में गजकेसरी योग होने से क्या होता है? जब किसी व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग बनता है, तो इसका प्रभाव उनके जीवन पर बहुत गहरा और सकारात्मक होता है। यह एक खास राजयोग है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक शुभ माना जाता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि गजकेसरी योग के प्रभाव से जीवन में किस तरह के बदलाव आ सकते हैं? क्या इस योग के बनने से आपको अपार सफलता, धन, और सम्मान मिल सकता है?
अगर आप जानना चाहते हैं कि यह योग आपकी कुंडली पर किस तरह से असर डालता है और इसके होने से आपको कौन से लाभ हो सकते हैं, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें। हम आपको विस्तार से बताएंगे कि गजकेसरी योग कैसे आपके जीवन को बदल सकता है।
कुंडली में गजकेसरी योग होने से क्या होता है? (What Happens If Gajakesari Yoga Is Present in the Kundali?)

गजकेसरी योग एक बहुत ही शुभ और प्रभावशाली राजयोग है, जो व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाता है। जब आपकी कुंडली में यह योग बनता है, तो यह आपके जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर सकता है।
यह योग गुरु और चंद्रमा की विशेष स्थिति के कारण उत्पन्न होता है, जो व्यक्ति को अपार सफलता, धन, और समाज में प्रतिष्ठा दिलाने का मार्ग खोलता है।
गजकेसरी योग होने से व्यक्ति को न केवल मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलता है, बल्कि यह उसे उच्च शिक्षा, करियर में तरक्की और सामाजिक मान-सम्मान भी प्रदान करता है।
यह योग व्यक्ति को जीवन में स्थिरता और समृद्धि के रास्ते पर ले जाता है। साथ ही, गजकेसरी योग के प्रभाव से व्यक्ति की सोच में गहराई और उसके कार्यों में सफलता का आभास होता है।
इसके होने से व्यक्ति के जीवन में कोई भी बड़ी बाधा आसानी से दूर हो जाती है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है। हालांकि, इस योग के असर से जुड़ी पूरी जानकारी और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे पढ़ें।
1. पहले भाव (लग्न) में गजकेसरी योग
जब गजकेसरी योग पहले भाव (लग्न) में बनता है, तो जातक का व्यक्तित्व प्रभावशाली और आकर्षक होता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन राजसी जीवनशैली जैसा होता है, और वह समाज में एक सम्मानित स्थान प्राप्त करता है।
इस योग के प्रभाव से जातक के पास नेतृत्व क्षमता होती है और वह किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है। जैसे कि, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में यह योग बनता है, तो वह राजनीति, फिल्म इंडस्ट्री, या समाजसेवा में अपना नाम कमा सकता है।
वह अपने जीवन में आत्मनिर्भर और हमेशा सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ता है। यह योग व्यक्ति को गलत रास्ते से बचाता है, जिससे वह हमेशा सही मार्ग पर चलने में सक्षम होता है।
2. दूसरे भाव में गजकेसरी योग

दूसरे भाव में गजकेसरी योग बनने पर जातक का जन्म किसी उच्च परिवार में होता है, और उसे जन्म से ही सुख-संपत्ति मिलती है। इस योग के प्रभाव से जातक को समृद्धि और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
ऐसे लोग बहुत कुशल वक्ता होते हैं और अपने विचारों से समाज पर प्रभाव डालते हैं। वे धर्म, समाज सेवा, या शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर सकते हैं।
उदाहरण स्वरूप, एक व्यक्ति जो दूसरे भाव में गजकेसरी योग से प्रभावित है, वह एक प्रभावी वक्ता, धर्म गुरु या समाज सुधारक बन सकता है। उनका जीवन धन, प्रतिष्ठा, और आध्यात्मिक समृद्धि से भरपूर होता है। यह योग व्यक्ति को धर्म से जुड़े कार्यों में भी सफलता दिलाता है, जिससे वह समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
3. तीसरे भाव में गजकेसरी योग
तीसरे भाव में गजकेसरी योग बनने पर जातक के भाई-बहनों को भी उच्च स्थान और सम्मान प्राप्त होता है। यह योग व्यक्ति को पराक्रमी बनाता है और समाज में सम्मान दिलाता है।
जातक अपनी मेहनत और संघर्ष से समाज में उच्च स्थान प्राप्त करता है। ऐसे व्यक्ति अपने परिवार को भी सफलता की ओर मार्गदर्शित करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी जातक की कुंडली में तीसरे भाव में गजकेसरी योग है, तो उनके भाई-बहन भी जीवन में उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं। यह योग जातक को संप्रेषण और संवाद के क्षेत्र में भी विशेष सफलता दिला सकता है, जिससे वह अपने विचारों और दृष्टिकोण से दूसरों को प्रेरित कर सकता है।
4. चौथे भाव में गजकेसरी योग

चौथे भाव में गजकेसरी योग होने से जातक को अपनी मां से विशेष स्नेह और लाभ मिलता है। यह योग जातक को भूमि, संपत्ति और वाहन जैसे भौतिक सुखों का आशीर्वाद देता है।
इसके अलावा, इस योग के प्रभाव से जातक को अच्छे घर और संपत्ति प्राप्त होती है। ऐसे लोग अपने जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं का अनुभव करते हैं और उनका पारिवारिक जीवन खुशहाल होता है।
उदाहरण के रूप में, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चौथे भाव में गजकेसरी योग है, तो उसे अपने माता-पिता से अच्छा प्रेम और समर्थन मिलता है। इसके साथ ही, उसे घर, भूमि, और वाहन की भी प्राप्ति होती है। इस योग के प्रभाव से जातक अपने परिवार के साथ सुखद जीवन जीता है।
यह भी पढ़ें:
- जन्म कुंडली में चंद्रमा से बनने वाले विशेष योग कौन से हैं
- जन्म कुंडली और ग्रहों का प्रभाव
- चंद्र कुंडली क्या है?
- कुंडली में धन योग कैसे देखें?
- ज्योतिष में महादशा का मतलब और इसके प्रभाव
5. पंचम भाव में गजकेसरी योग
पंचम भाव में गजकेसरी योग बनने से जातक को अपनी बुद्धि और शिक्षा के माध्यम से धन कमाने के अवसर मिलते हैं। ऐसे व्यक्ति अच्छे शिक्षक, लेखक, वैज्ञानिक, या शोधकर्ता बन सकते हैं।
यह योग जातक को ज्ञान, उच्च शिक्षा और बुद्धि के क्षेत्र में सफलता दिलाने वाला होता है। इसके साथ ही, इस योग के प्रभाव से जातक के बच्चों के लिए भी उच्च शिक्षा और अच्छे पद की प्राप्ति के अवसर बनते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी जातक की कुंडली में पंचम भाव में गजकेसरी योग है, तो वह एक सम्मानित शैक्षिक संस्थान में शिक्षक बन सकता है या समाज में अपने ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हो सकता है। उनके बच्चों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने और जीवन में उन्नति करने का अवसर मिलता है।
6. छठे भाव में गजकेसरी योग
छठे भाव में गजकेसरी योग होने पर शत्रु कमजोर हो जाते हैं और व्यक्ति का स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर हो सकता है। हालांकि, इस योग के प्रभाव से शत्रु व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। इसके बावजूद, जातक को अपनी सेहत का ध्यान रखना पड़ता है।
ऐसे व्यक्ति के लिए यह योग शत्रु-पराजय का कारण बनता है, लेकिन उनके लिए यह भी महत्वपूर्ण होता है कि वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति के छठे भाव में गजकेसरी योग है, तो उसे शारीरिक व्यायाम और उचित आहार पर ध्यान देना चाहिए ताकि वह अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रख सके। इस योग से शत्रु दबकर रहते हैं और कोई बड़ी समस्या उत्पन्न नहीं होती।
7. सप्तम भाव में गजकेसरी योग

सप्तम भाव में गजकेसरी योग होने से जातक को एक उच्च विचारों वाले जीवनसाथी का साथ मिलता है। इसका प्रभाव यह भी हो सकता है कि जातक की शादी एक सम्मानित परिवार से होती है, और जीवनसाथी उच्च पद प्राप्त करता है। यह योग व्यक्ति को रिश्तों में समझ और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव में गजकेसरी योग है, तो उसे एक विचारशील और उच्च पद पर कार्यरत जीवनसाथी मिल सकता है। इस योग के प्रभाव से जीवनसाथी के साथ अच्छे रिश्ते और सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली विकसित होती है।
8. अष्टम भाव में गजकेसरी योग
अष्टम भाव में गजकेसरी योग होने पर जातक को आध्यात्मिक और रहस्यमयी विद्याओं में गहरी रुचि होती है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति तंत्र-मंत्र, ज्योतिष, और अन्य गूढ़ विद्याओं में निपुण हो सकता है।
इसके साथ ही, यह योग व्यक्ति को अचानक धन लाभ भी प्रदान करता है।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी जातक की कुंडली में अष्टम भाव में गजकेसरी योग है, तो उसे अचानक कोई बड़ा वित्तीय लाभ हो सकता है, जैसे कि किसी निवेश से अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होना। यह योग तंत्र-मंत्र के प्रति रुचि भी जगा सकता है और व्यक्ति को गूढ़ विद्याओं में अनुभव प्रदान कर सकता है।
9. नवम भाव में गजकेसरी योग
नवम भाव में गजकेसरी योग बनने से जातक को भाग्य का पूरा साथ मिलता है। यह योग कर्म से ज्यादा भाग्य के बल पर सफलता दिलाता है। ऐसे व्यक्ति भगवान में आस्था रखते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में नवम भाव में गजकेसरी योग है, तो उसे अपने जीवन में बड़ी सफलताएँ मिल सकती हैं, जो भाग्य से जुड़ी होंगी। यह योग व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी समर्थ बनाता है।
10. दशम भाव में गजकेसरी योग
दशम भाव में गजकेसरी योग बनने से जातक को उच्च पद प्राप्त होता है। यह योग व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान और उच्च पद दिलाने में मदद करता है।
इसके अलावा, इस योग का प्रभाव जातक के पिता के लिए भी शुभ होता है, क्योंकि इससे उनके पिता को भी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में दशम भाव में गजकेसरी योग है, तो वह अपनी मेहनत और कड़ी संघर्ष के साथ किसी उच्च पद पर पहुंच सकता है। यह योग जातक के पिता के लिए भी लाभकारी होता है और उन्हें भी सफलता प्राप्त होती है।
11. ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग
ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग होने से जातक की आय में वृद्धि होती है। ऐसे लोग अधिक मेहनत किए बिना भी अच्छा धन कमाते हैं और उनकी आय के स्रोत विविध होते हैं।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्यारहवें भाव में गजकेसरी योग है, तो वह व्यापार, निवेश, या किसी अन्य स्रोत से आसानी से धन कमा सकता है।
12. बारहवें भाव में गजकेसरी योग
बारहवें भाव में गजकेसरी योग होने पर यह कमजोर हो सकता है। हालांकि, इसके प्रभाव से व्यक्ति धर्म और कर्म में अच्छा कार्य करता है और धन को अच्छे कार्यों में खर्च करता है। ऐसे लोग अपने घर से दूर जाकर सफलता प्राप्त करते हैं और विदेश में भी अच्छा नाम कमा सकते हैं।
निष्कर्ष
गजकेसरी योग एक अत्यंत शुभ राजयोग है, जो व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सम्मान, और सफलता लाता है। यह योग गुरु और चंद्रमा की विशेष स्थिति पर निर्भर करता है, और इसके प्रभाव से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
विशेष रूप से वृषभ, कर्क, धनु और मीन राशि वाले जातक इसके प्रभाव से लाभान्वित होते हैं। गजकेसरी योग व्यक्ति को उच्च शिक्षा, धन, समाज में सम्मान, और जीवन में सुख प्राप्त करने में सहायक होता है।
FAQs
गजकेसरी योग का फल कब मिलता है?
गजकेसरी योग का फल जीवन में तब मिलता है जब यह योग व्यक्ति की कुंडली में विशेष रूप से शुभ ग्रहों की स्थिति से उत्पन्न होता है। जब बृहस्पति (जुपिटर) और चंद्रमा एक अच्छे घर में होते हैं, तो यह योग बनता है। इसके फल व्यक्ति को जीवन में सफलता, सम्मान, और प्रसिद्धि प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है, और यह समय के साथ प्रकट होता है, विशेष रूप से जब बृहस्पति और चंद्रमा की दशा अनुकूल हो।
गजकेसरी योग के क्या लाभ हैं?
गजकेसरी योग के कई महत्वपूर्ण लाभ होते हैं:
वित्तीय समृद्धि: यह योग व्यक्ति को आर्थिक सफलता और समृद्धि प्रदान करता है।
सामाजिक सम्मान: यह व्यक्ति को समाज में उच्च प्रतिष्ठा और सम्मान दिलाने में मदद करता है।
मानसिक शांति: गजकेसरी योग मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है, जिससे जीवन में कठिनाइयाँ कम होती हैं।
प्रसिद्धि: यह योग व्यक्ति को प्रसिद्धि और पहचान दिलाता है, विशेषकर जब यह अच्छे समय में बनता है।
समय से पहले सफलता: व्यक्ति के जीवन में समय से पहले सफलता, खासकर शिक्षा और करियर में, प्राप्त हो सकती है।
कुंडली में यश प्राप्ति के लिए कौन से योग हैं?
कुंडली में यश प्राप्ति के लिए कई महत्वपूर्ण योग होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
राजयोग: यह योग उच्च पद, प्रसिद्धि और सत्ता प्रदान करता है।
गजकेसरी योग: यह योग विशेष रूप से सम्मान और वित्तीय समृद्धि लाता है।
धन योग: यह योग धन और समृद्धि के संकेत होते हैं।
बुद्धि योग: यह योग शिक्षा और ज्ञान में सफलता दिलाता है, जिससे व्यक्ति को यश मिलता है।
पद्म योग: यह योग व्यक्ति को उच्च पद और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने में मदद करता है।
गजकेसरी योग कितने प्रकार के होते हैं?
गजकेसरी योग के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
पूर्ण गजकेसरी योग: यह तब बनता है जब बृहस्पति और चंद्रमा एक दूसरे के शुभ घरों में स्थित होते हैं। इसके फल व्यक्ति को जीवन में शांति, सफलता, और समृद्धि प्रदान करते हैं।
अधूरा गजकेसरी योग: यह तब बनता है जब बृहस्पति और चंद्रमा के बीच कुछ बाधाएं होती हैं, जिससे इसका प्रभाव थोड़ा कम होता है, लेकिन फिर भी व्यक्ति को लाभ होता है, जैसे शिक्षा या करियर में प्रगति।
कुंडली में गजकेसरी योग का क्या मतलब होता है?
कुंडली में गजकेसरी योग का मतलब होता है, जब बृहस्पति और चंद्रमा एक शुभ स्थिति में होते हैं, जिससे व्यक्ति को जीवन में सम्मान, सफलता और समृद्धि मिलती है। यह योग व्यक्ति को मानसिक शांति, उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा और वित्तीय लाभ दिलाने में सक्षम होता है। इस योग को विशेष रूप से शुभ माना जाता है और यह व्यक्ति के लिए सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है।

विजय वर्मा वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) और रत्न विज्ञान (Gemstone Science) में 20+ वर्षों का अनुभव रखते हैं। उन्होंने 10,000 से अधिक कुंडलियों (Horoscopes) का विश्लेषण किया है और व्यक्तिगत व पेशेवर उन्नति के लिए सटीक मार्गदर्शन प्रदान किया है। उनका अनुभव उन्हें एक भरोसेमंद ज्योतिष विशेषज्ञ बनाता है।