विदेश यात्रा में बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय | Vastu Tips to Remove Travel Hurdles

विदेश यात्रा में बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय क्या सच में आपकी यात्रा को सफल बना सकते हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में आता है जो विदेश में पढ़ाई, नौकरी, या स्थायी रूप से बसने का सपना देखता है, लेकिन बार-बार किसी न किसी कारण से रुकावटें आती हैं।

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो न केवल इन बाधाओं को दूर कर सकते हैं, बल्कि आपके सपनों को साकार करने में मददगार भी हो सकते हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे वास्तु के छोटे-छोटे बदलाव विदेश यात्रा के रास्ते खोल सकते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आगे पढ़ें और जानें अपनी यात्रा को सफल बनाने के आसान उपाय।

सही वास्तु उपाय अपनाकर अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएं और विदेश यात्रा की सभी बाधाओं को आसानी से दूर करें।

विदेश यात्रा में बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय (Vastu Tips to Remove Travel Hurdles)

विदेश यात्रा का सपना कई बार वास्तु दोषों के कारण पूरा नहीं हो पाता। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा, जो यात्रा और सफलता का कारक मानी जाती है, उसमें किसी भी प्रकार की रुकावट या दोष विदेश जाने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। इसके अलावा, राहु और शनि जैसे ग्रहों का प्रभाव भी इन बाधाओं को बढ़ा सकता है।

विदेश यात्रा में बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय | Vastu Tips to Remove Travel Hurdles

वास्तु शास्त्र में कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जो न केवल इन बाधाओं को दूर करते हैं, बल्कि विदेश यात्रा के योग को प्रबल भी करते हैं। जैसे, उत्तर-पश्चिम दिशा को साफ और हल्का रखना, वहां नीले या सफेद रंग का इस्तेमाल करना, और पक्षियों को आजाद करना, ये कुछ प्रभावी उपाय हैं।

विदेश यात्रा के लिए वास्तु टिप्स के साथ-साथ ज्योतिषीय उपायों को भी अपनाकर आप अपने विदेश यात्रा के सपने को साकार कर सकते हैं।इन उपायों के विस्तृत विवरण के लिए आगे पढ़ें।

विदेश यात्रा में बाधाओं के पीछे कुंडली में ग्रहों की स्थिति और घर में वास्तु दोष हो सकते हैं

  • राहु और शनि का प्रभाव: राहु और शनि ग्रह कुंडली में विदेश यात्रा को प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण यात्रा में देरी या असफलता हो सकती है।
  • बारहवें भाव की स्थिति: बारहवें भाव का कमजोर या पाप प्रभाव में होना बाधाओं का कारण बनता है।
  • वास्तु दोष: घर में उत्तर-पश्चिम दिशा का दोष विदेश यात्रा की संभावनाओं को कम कर सकता है।

1. घर में उत्तर-पश्चिम दिशा को ठीक करें

उत्तर-पश्चिम दिशा विदेश यात्रा और सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

  • इस दिशा को हमेशा साफ-सुथरा और हल्का रखें।
  • यहां नीले या सफेद रंग का इस्तेमाल करें।
  • यदि इस दिशा में कोई भारी सामान रखा है, तो उसे हटा दें।

2. पक्षियों का उपाय

घर में पक्षियों का पिंजरा रखें और उसमें दो पक्षी रखें। इन पक्षियों को खुले आकाश में छोड़ दें। यह उपाय स्वतंत्रता और समृद्धि को दर्शाता है और विदेश यात्रा के योग को मजबूत करता है।

3. नक्शे का उपाय

जिस देश में आप जाना चाहते हैं, वहां का नक्शा अपने पास रखें। इसे अपने वर्कप्लेस या अध्ययन कक्ष में रखें। यह उपाय आपके सपने को वास्तविकता में बदलने में मदद करता है।

4. पीले भोजन का सेवन

अपने आहार में पीले रंग की वस्तुएं, जैसे हल्दी, चने की दाल, और केसर शामिल करें। यह गुरु ग्रह को मजबूत करता है, जो विदेश यात्रा और सफलता में सहायक है।

ज्योतिषीय उपाय जो बाधाएं कम करें

ज्योतिषीय उपाय जो बाधाएं कम करें

1. हनुमानजी की पूजा

उड़ते हुए हनुमानजी की प्रतिमा की पूजा करें। इससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और विदेश यात्रा के योग प्रबल होते हैं।

2. राहु स्तोत्र का जाप

राहु को अनुकूल बनाने के लिए ‘ॐ रां राहवे नमः’ मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। इससे राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है।

3. गोमेद रत्न धारण करें

चार से छह रत्ती का गोमेद रत्न त्रिधातु में धारण करें। यह राहु के प्रभाव को संतुलित करता है और विदेश गमन की संभावनाओं को बढ़ाता है।

विशेष ज्योतिषीय उपाय

विशेष ज्योतिषीय उपाय

संक्रांति पर उपाय

किसी भी संक्रांति के दिन सफेद तिल और गुड़ लें और इन्हें मिट्टी के बर्तन में रखकर पीपल के पेड़ के नीचे रखें। इसके बाद पीछे मुड़कर न देखें। यह उपाय बाधाओं को दूर करता है।

मंगलवार को शहद का उपाय

एक शीशी में शहद भरें और शुक्ल पक्ष के मंगलवार को इसे मिट्टी में दबा दें। यह उपाय विदेश यात्रा में आ रही रुकावटों को कम करता है।

तुलसी माला का मंत्र जाप

गुरुवार से तुलसी की माला लेकर ‘ॐ अनंग वल्लभाये विदेश गमनार्थ कार्य सिध्यर्थे नमः’ मंत्र का जाप करें। इसे 11,000 से 24,000 बार करने से लाभ होता है।

मां लक्ष्मी की पूजा से बाधाएं दूर करें

  • लकड़ी के पीढ़े पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • उनके सामने घी का दीपक जलाएं और शंख पर केसर का स्वस्तिक बनाएं।
  • ‘ॐ अनंग वल्लभाये विदेश गमनार्थ कार्य सिध्यर्थे नमः’ मंत्र का जाप करें।

अन्य सरल उपाय

  • शनिवार को कुष्ठ रोगियों को उड़द दाल और नारियल दान करें।
  • कबूतरों को 49 दिनों तक बाजरा खिलाएं।
  • प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

विदेश यात्रा में बाधाओं को दूर करने के लिए वास्तु के उपाय न केवल यात्रा की संभावनाओं को बढ़ाते हैं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाते हैं। राहु, शनि, और गुरु ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने के लिए ज्योतिषीय उपाय और घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में सुधार करना अत्यंत प्रभावी हो सकता है।

इन उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनाएं, और अपने विदेश यात्रा के सपने को साकार करें। ज्योतिष और वास्तु के साथ, आपकी मेहनत और सही योजना से हर बाधा को दूर किया जा सकता है।

विदेश जाने का योग कैसे बनता है?

विदेश जाने का योग कुंडली में मुख्य रूप से बारहवें, नवम और दशम भाव से बनता है।

वास्तु दोष दूर करने के लिए क्या उपाय करें?

घर में वास्तु दोष को दूर करने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा को हल्का और साफ रखें तथा नीले और सफेद रंग का इस्तेमाल करें। घर में पक्षियों का पिंजरा रखें और उन्हें रोज खुले आसमान में छोड़ें। जिस देश में जाना चाहते हैं, उसका नक्शा अपने कार्यस्थल पर रखें। इसके अलावा, घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी नियमित पूजा करें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

कैसे पता चलता है कि घर में वास्तु दोष है?

वास्तु दोष के संकेतों में घर के सदस्यों के बीच बार-बार विवाद या तनाव होना, योजनाओं का बार-बार विफल होना या विदेश यात्रा में रुकावट आना, उत्तर-पश्चिम दिशा में भारी सामान या गंदगी होना, और घर में ऊर्जा के प्रवाह में बाधा महसूस होना शामिल हैं। ऐसी समस्याओं को ठीक करने और सही समाधान पाने के लिए किसी वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा।

विदेश यात्रा करने के लिए क्या करना पड़ता है?

विदेश यात्रा की सफलता के लिए कुंडली में यात्रा के योग की जांच करवानी चाहिए और राहु व शनि की दशा को अनुकूल बनाने के लिए ज्योतिषीय उपाय अपनाने चाहिए। साथ ही, वास्तु दोष, खासकर उत्तर-पश्चिम दिशा में, को सुधारना आवश्यक है। सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए घर में नियमित पूजा और मंत्र जाप करना भी लाभकारी होता है।

विदेश यात्रा के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

विदेश यात्रा के लिए मुख्य रूप से राहु, शनि और चंद्रमा ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राहु विदेश यात्रा और प्रवास का मुख्य कारक माना जाता है, जबकि शनि विदेश में स्थायित्व और लंबे समय तक रहने का प्रतीक है। चंद्रमा व्यक्ति की मानसिक इच्छा और यात्रा की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो विदेश जाने की प्रेरणा देता है।

Leave a Reply