कुंडली में विदेशी जीवनसाथी के संकेत कैसे जानें? ज्योतिष (Astrology) में विवाह योग की पहचान

कुंडली में विदेशी जीवनसाथी के संकेत कैसे जानें? क्या आप सोच रहे हैं कि आपकी शादी किसी विदेशी जीवनसाथी से होगी या नहीं? ज्योतिष के अनुसार, कुछ ग्रहों की विशेष स्थिति और कुंडली में मौजूद भाव यह संकेत दे सकते हैं कि आपका विवाह किसी दूसरे देश या संस्कृति के व्यक्ति से हो सकता है।

अगर आप ऐसे संकेतों को समझना चाहते हैं, तो यहां हम विस्तार से बताएंगे कि किन ज्योतिषीय स्थितियों से विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना बनती है।

कुंडली में विदेशी जीवनसाथी के संकेत कैसे जानें? (Signs of a Foreign Spouse in Birth Chart)

कुंडली में विदेशी जीवनसाथी के संकेत कैसे जानें?: किन ग्रहों और भावों की भूमिका होती है?

कुछ खास ग्रहों की स्थिति और कुंडली में कुछ विशेष भावों का प्रभाव विदेशी जीवनसाथी मिलने का संकेत देता है। आइए जानते हैं कि किन ग्रहों और भावों की भूमिका इसमें अहम होती है।

7वां और 9वां भाव: शादी और विदेश से जुड़ाव

7वां भाव विवाह और जीवनसाथी का प्रतिनिधित्व करता है। यदि इस भाव पर विदेशी प्रभाव पड़ता है, तो विवाह किसी विदेशी व्यक्ति से हो सकता है।

7वां और 9वां भाव: शादी और विदेश से जुड़ाव

9वां भाव लंबी यात्राओं और विदेशी स्थानों का प्रतीक है। अगर यह 7वें भाव से जुड़ा हो, तो व्यक्ति को विदेशी मूल का जीवनसाथी मिलने की संभावना रहती है।

12वां भाव भी विदेश से संबंधित होता है। अगर इसका संबंध 7वें भाव से बनता है, तो शादी के बाद विदेश में बसने की संभावना बढ़ जाती है।

राहु और केतु का प्रभाव

राहु रहस्यमयी और विदेशी तत्वों से जुड़ा ग्रह है। अगर यह 7वें भाव में स्थित हो, तो विवाह किसी विदेशी व्यक्ति से होने की प्रबल संभावना बनती है।

केतु आध्यात्मिकता और अज्ञात चीजों से संबंधित होता है। यदि यह 7वें भाव में हो, तो जीवनसाथी अलग संस्कृति या परंपरा का हो सकता है।

ग्रहों की विशेष स्थिति और उनका प्रभाव

ग्रहों की विशेष स्थिति और उनका प्रभाव
  • शुक्र और मंगल यदि 7वें या 9वें भाव में स्थित हों, तो विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • चंद्रमा अगर जल तत्व वाली राशि (कर्क, वृश्चिक, मीन) में हो, तो जीवनसाथी किसी दूरस्थ स्थान से हो सकता है।
  • बृहस्पति यदि 9वें भाव में हो, तो विवाह किसी विदेशी मूल के व्यक्ति से हो सकता है।

7वें भाव और विदेशी जीवनसाथी से इसका संबंध

7वां भाव विवाह और जीवनसाथी की प्रकृति को दर्शाता है। अगर इस भाव में कुछ विशेष ग्रह स्थित हों, तो विवाह विदेशी व्यक्ति से होने की संभावना रहती है।

विदेशी जीवनसाथी के लिए 7वें भाव की विशेष स्थितियां:

  • 7वें भाव का स्वामी 9वें भाव में स्थित हो।
  • 7वें भाव में राहु, शुक्र या मंगल की उपस्थिति हो।
  • 7वें भाव का संबंध 12वें भाव से बन रहा हो।
  • वक्री ग्रहों का प्रभाव 7वें भाव पर पड़ रहा हो।

अगर आपकी कुंडली में ये स्थितियां मौजूद हैं, तो आपके विदेशी जीवनसाथी से विवाह होने की संभावना अधिक होती है।

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बृहस्पति का प्रभाव: क्या यह आपके जीवनसाथी को विदेशी बना सकता है?

बृहस्पति ज्ञान, विस्तार और समृद्धि का प्रतीक है। यदि यह कुछ विशेष स्थानों पर स्थित हो, तो विवाह किसी विदेशी व्यक्ति से होने के संकेत मिलते हैं।

बृहस्पति की स्थिति और विदेशी जीवनसाथी के योग:

  • बृहस्पति 7वें भाव में हो, तो व्यक्ति का जीवनसाथी शिक्षित और आध्यात्मिक हो सकता है और संभवतः विदेशी मूल का हो सकता है।
  • बृहस्पति 9वें भाव में हो, तो विवाह किसी दूर देश के व्यक्ति से होने की संभावना रहती है।
  • बृहस्पति शुक्र के साथ हो, तो व्यक्ति का विवाह किसी विदेशी संस्कृति या परंपरा से जुड़े व्यक्ति से हो सकता है।

शुक्र और मंगल का प्रभाव: रिश्तों में विदेशी जुड़ाव

शुक्र और मंगल का प्रभाव: रिश्तों में विदेशी जुड़ाव

शुक्र: प्रेम और आकर्षण का ग्रह

शुक्र विवाह और प्रेम संबंधों का ग्रह होता है। अगर यह 7वें भाव में स्थित हो और 9वें या 12वें भाव से संबंध बना रहा हो, तो विवाह किसी विदेशी व्यक्ति से होने की संभावना बढ़ जाती है।

अगर शुक्र राहु के साथ हो, तो व्यक्ति को विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना और भी प्रबल हो जाती है।

मंगल: ऊर्जा और जुनून का ग्रह

मंगल जोश और ऊर्जा का ग्रह होता है। यदि यह 7वें भाव में हो, तो जीवनसाथी साहसी और ऊर्जावान हो सकता है, और संभवतः किसी विदेशी पृष्ठभूमि से हो सकता है।

अगर मंगल 12वें भाव में हो, तो विवाह के बाद विदेश में बसने के योग बन सकते हैं।

किन राशियों को विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना ज्यादा होती है?

कुछ राशियां स्वभाव से यात्रा-प्रिय और नए अनुभवों के लिए उत्सुक होती हैं। यदि ये राशियां 7वें भाव में स्थित हों, तो विदेश से विवाह के योग बन सकते हैं।

विदेशी जीवनसाथी पाने के लिए महत्वपूर्ण राशियां:

  • धनु राशि: यह राशि यात्रा और नए अनुभवों से जुड़ी होती है, जिससे विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • मीन राशि: आध्यात्मिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़ी यह राशि विदेशी जीवनसाथी के योग बनाती है।
  • कुंभ राशि: आधुनिक और प्रयोगधर्मी सोच वाली यह राशि विदेशी जीवनसाथी मिलने की संभावना को बढ़ाती है।

विदेशी जीवनसाथी प्राप्त करने के ज्योतिषीय उपाय

यदि आप चाहते हैं कि आपकी शादी किसी विदेशी व्यक्ति से हो या विवाह के बाद विदेश में बसने का अवसर मिले, तो कुछ विशेष उपाय अपनाकर इस योग को मजबूत किया जा सकता है।

विदेशी विवाह के लिए ज्योतिषीय उपाय:

  1. राहु के उपाय करें: मंगलवार को नारियल, उड़द की दाल और काले तिल का दान करें।
  2. शुक्र ग्रह को मजबूत करें: शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें और काली गाय को भोजन कराएं।
  3. बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें: ‘ऊं बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का रोज जाप करें।
  4. 9वें और 12वें भाव को मजबूत करें: इन भावों से संबंधित दान और मंत्र जाप करें।
  5. सूर्य की पूजा करें: रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

निष्कर्ष

अगर आपकी कुंडली में 7वें, 9वें या 12वें भाव से जुड़े ग्रह मजबूत स्थिति में हैं, तो विदेशी जीवनसाथी के योग बन सकते हैं। विशेष रूप से राहु, केतु, शुक्र, बृहस्पति और मंगल की स्थिति इस संभावना को बढ़ा सकती है।

यदि आप विदेशी व्यक्ति से विवाह करना चाहते हैं या शादी के बाद विदेश में बसना चाहते हैं, तो अपनी कुंडली का विश्लेषण करें और उचित ज्योतिषीय उपाय अपनाएं।

सही मार्गदर्शन और उपायों से आप अपने विवाह योग को और भी मजबूत बना सकते हैं। ज्योतिष के इन संकेतों को समझकर सही निर्णय लें और अपने प्रेम और शादी के भविष्य को सुनिश्‍चित करें

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